BPSC Head Teacher Exam Syllabus, Exam Pattern and Question Paper 2022

 

Bihar BPSC Head Teacher Exam Date & Pattern 2022

प्रारंभिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक के पद के लिए परीक्षा तिथि घोषित कर दी गयी है। एक पाली में दो पेपर की परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा की अवधि 2 घंटे की होगी।

यह परीक्षा 150 प्रश्नों की होगी एवं 150 अंक भी होंगे, जो वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय होंगे।

जिसमें सामान्य अध्ययन के 75 अंक एवं D.El.Ed विषय- के 75 अंक होंगे।
प्रधान शिक्षक परीक्षा तिथि 28-07-2022

◆ BPSC Head Teacher Exam Date PDF Letter

प्रत्येक प्रश्न का 1 अंकों होगा आप पढ़ते गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक के नेगेटिव मार्किंग की जाएगी।

SubjectNo. of QuestionsMarksTime Duration
General Studies757502 Hours (120 Minutes)
D.L.Ed related Questions7575
Total150150


    BPSC Head Teacher Exam Syllabus 2022 Download in Hindi 

    BPSC प्रधान शिक्षक के 40506 रिक्त पदों पर भर्ती करने के लिए हिंदी सिलेबस डाऊनलोड करें।

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    प्राइमरी स्कूल प्रधान शिक्षक पाठ्यक्रम-

    सामान्य अध्ययन 75- अंक

    इस विषय में ज्ञान विज्ञान के निम्नलिखित क्षेत्रों से सम्बधित प्रश्न होंगे-

    • सामान्य ज्ञान niyojit.blogspot.com

    • राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ।

    • भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन तथा इसमें बिहार का योगदान।

    • भूगोल

    • भारतीय राज्यव्यवस्था

    • प्रारम्भिक गणित और मानसिक क्षमता परीक्षण।

    उपर्युक्त विषयों का विवरण इस प्रकार है:-

    » सामान्य विज्ञान के अन्तर्गत दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बनित विषयों सहित विज्ञान की सामान्य जानकारी तथा परिबोध पर ऐसे प्रश्न पूछे जायेंगे, जिसकी किसी भी शिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।

    » राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वर्तमान घटनाओं पर बिहार का लगाव संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे।

    > भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के अन्तर्गत उन्नीसवीं शताब्दी में पुनरुत्थान के स्वरूप और स्वभाव, राष्ट्रीयता का विकास तथा स्वतंत्रता प्राप्ति से सम्बंधित प्रश्न पूछे जायेंगे।

    परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका पर पूछे गए प्रश्नों के भी उत्तर दें।

    भारत तथा बिहार का भूगोल’ के अन्तर्गत देश के समाजिक तथा आर्थिक भूगोल से सम्बंधित प्रश्न होंगे, जिनमें भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक साधनों की प्रमुख विशेषतायें सम्मिलित हैं।

    भारत की राज्य व्यवस्था के तहत भारतीय संविधान देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज विकास योजना सम्मिलित होंगे.

    प्रारम्भिक गणित और मानसिक क्षमता जाँच पर प्रश्न।

    Bihar Head Master D.El.Ed Syllabus- 75 Marks

     ईकाई-1

    •बच्चे तथा बचपन : सामाजिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक समझ।

    >बाल अधिकारों का संदर्भ : उपेक्षित वर्गों से आनेवाले बच्चों पर विशेष चर्चा के साथ

    • शिक्षा, विद्यालय और समाज: अंतर्सम्बंधों की समझ

    • विद्यालय में समाजीकरण की प्रक्रिया : विभिन्न कारकों की भूमिका व प्रभाओं की समझ

    • शिक्षा : सामान्य अवधारणा, उदेश्य एवं विद्यालयी शिक्षा की प्रकृति

    • शिक्षा को समझने के विभिन्न आधार/दृष्टिकोण : दर्शनशास्त्रीय, मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्रीय, शिक्षा का साहित्य, शिक्षा का इतिहास, आदि

    • ज्ञान की अवधारणा : दार्शनिक परिप्रेक्ष्य

    ईकाई-2

    >महात्मा गाँधी-हिन्द स्वराज : सामाजिक दर्शन और शिक्षा के संबंध को रेखांकित करते हुए।

    >गिजुभाई बधेका- दिवास्वप्न : शिक्षा में प्रयोग के विचार को रेखांकित करते हुए।

    >रवीन्द्रनाथ टैगोर-शिक्षा : सीखने में स्वतंत्रता एवं स्वयत्तता की भूमिका को रेखांकित करते हुए।

    • मारिया मांटेसरी-ग्रहणशील मन पुस्तक से ‘विकास के क्रम ‘शीर्षक आध्यायः बच्चों के खीखने के संबंध में विशेष पद्धति को रेखांकित करते हुए.

    • ज्योतिबा फुले-हंटर आयोग (1882) को दिया गया बयान । शैक्षिक, समाजिक एवं सांस्कृतिक असमानता को रेखांकित करते हुए।

    • डॉ० जाकिर हुसैन-शैक्षिक लेखः बाल-केन्द्रित शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए।

    • जे० कृष्णमूर्ति-“शिक्षा क्या है सीखने-सिखाने में संवाद की भूमिका को रेखांकित करते हुए।

    • जॉन-डीवी-शिक्षा और लोकतंत्र से ‘जीवन की आवश्यकता के रूप में शिक्षा शीर्षक लेखः शिक्षा और समाज की अंतःक्रिया को रेखांकित करते हुए।
    इसे भी पढ़ें: Paper-2: शिक्षा शास्त्र (Pedagogy)

    1. Pedagogy Part-1 (250 Question)
    2. शिक्षाशास्त्र भाग-2 (वस्तुनिष्ठ 300 Qu)
    3. वस्तुनिष्ठ 1000 प्रश्न:   Click Here
    4. वस्तुनिष्ठ 600 प्रश्न:     Click Here

    ईकाई-3

    • पाठ्यचर्या तथा पाठयक्रम अवधारणा तथा विविध आधार

    >पाठ्यचर्या में कार्य और शिक्षा की भूमिका : कार्यकेन्द्रित शिक्षणशास्त्र की समस्या

    >बचपन को प्रभावित करने वाले मनोसामाजिक कारक

    >बाल विकास – अवधारणा, विकास के विविध आयाम, प्रभावित करनेवाले कारक

    >वृद्धि एवं विकास अंतर्सम्बंधों की समझ, अध्ययन के तरीके

    >बच्चों के शारीरिक एवं मनोगत्यात्मक विकास की समझ

    >सृजनात्मकता : अवधारणा, बच्चों के संदर्भ में विशेष महत्त्व

    >खेल से आशय : अवधारणा, विशेषता, बच्चों के विकास के संदर्भ में महत्व

    >व्यक्तित्व विकास के विविध आयाम : एरिक्सन के सिद्धांत का विशेष संदर्भ

    • बच्चों में भावनात्मक / संवेगात्मक विकास का पहलू : जॉन बाल्बी का सिद्धांत एवं अन्य विचार

    >नैतिक विकास और बच्चे : सही-गलत की अवधारणा, जीन पियाजे तथा कोहलबर्ग का सिद्धांत

    Paper-1: सामान्य अध्ययन (General Studies)

    1. General Studies (GS) 1000 Qu. New
    2. वस्तुनिष्ठ 1500 प्रश्न:      Click Here
    3. वस्तुनिष्ठ 700 प्रश्न:        Click Here 

    ईकाई-4

    • ईससीई की आवश्यकता एवं उदेश्य

    • एक संतुलित तक संदर्भयुक्त ईसीसीई पाठ्यचर्या को समझ

    • ईसीसीई पाठ्यचर्या के लघु एवं दीर्घकालिक उद्देश्य तथा नियोजन

    • कक्षा में विकासोनूकूल, बाल केन्द्रित तथा समावेशी वातावरण निर्माण

    • प्रारंभिक वर्षों में विकास के विभिन्न आयाम एवं अधिगम

    • विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चे तथा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखपाल और शिक्षा

    • शारीरिक शिक्षा : अवधारणा एवं महत्व

    >बिहार में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा की वर्तमान स्थिति

    • राज्य में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की चुनौतियाँ एवं नवाचार

    • राज्य में विद्यालय की तैयारी में संस्थाओं की (अकादमिक व सामाजिक) अपेक्षा

    ईकाई-5

    • विद्यालय संस्कृति के संगठनात्मक पहलू : अवधारणा, संरचना एवं घटकों की आलोचनात्मक समझ

    • शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत विद्यालयी व्यवस्था में परिवर्तन

    • समावेशी शिक्षा के अनुरूप विद्यालय संगठन व प्रबंधन

    • कला समेकित शिक्षा माध्यम से विद्यालयी परिवेश एवं कक्षायी शिक्षण में बदलाव?

    >कक्षा-कक्ष शिक्षण की प्रकृति : परम्परागत, बाल-केन्द्रित, लोकतांत्रिक, सृजनात्मक, आदि ।

    • पाठ्य-सहगामी व सह-शैक्षिक क्रियाएँ: महत्त्व, योजना एवं क्रियान्वयन (गतिविधियाँ, कला, खेल इत्यादि)

    • विद्यालय में आकलन एवं मूल्यांकन की व्यवस्था: सतत् एवं व्यापक आलकन, प्रगति पत्रक

    • शिक्षक वृतिक विकास : अवधारणा. आवश्यकता, नीतिगत विमर्श व सीमाएँ

    • विद्यालय में नेतृत्व व्यवस्था और शिक्षक – प्रशासनिक, सामूहिक, शिक्षणशास्त्रीय, परिवर्तनकारी

    Paper-2: शिक्षा शास्त्र (Pedagogy)

    1. Pedagogy Part-1 (250 Question)
    2. शिक्षाशास्त्र भाग-2 (वस्तुनिष्ठ 300 Qu)
    3. वस्तुनिष्ठ 1000 प्रश्न:   Click Here
    4. वस्तुनिष्ठ 600 प्रश्न:     Click Here

    ईकाई-6


    • निकटवर्ती जिला स्तरीय संस्थाएं: संकुल संसाधन केन्द्र (सी.आर सी), प्रखण्ड संसाधन केन्द्र (बी.आर सी.), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), प्रारंभिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (पी.टी.ई.सी)

    >राज्य स्तरीय संस्थाएँ : राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् (एस.सी.ई.आर.टी.), बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् (बी.ई पी सी), बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बी.एस.ई.बी.), बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड (सीएसएस.बी.), बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (बी एस.एमई बी), बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड (बी.बी.ओ.एसई)

    >राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएँ : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आरटी.)

    केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.), राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआई.ई.पी.ए.), राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एन.सी.टी.ई)

    ईकाई-7


    • भारतीय समाज में समावेशन और अपवर्जन के विभिन्न रूप (हाशिए का समाज, जेण्डर, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे-दिव्यांगजन)

    • कक्षाओं में विविधता और असमानता की समझ : पाठ्यचर्यात्मक और शिक्षण शास्त्रीय संदर्भ

    • समावेशी शिक्षा के लिए आकलन की प्रकृति एवं प्रक्रिया

    • समावेशी शिक्षा में विशेष आवश्यकता वाले बर्चा का संदर्भ: ऐतिहासिक विकास, वर्तमान स्थिति, चुनौतियां, बिहार का संदर्भ

    • शिक्षा व्यवस्था व विद्यालय में प्रचलित जेण्डर विभेद : पाठ्यचर्या, पाठ्य-पुस्तकें, कक्षायी प्रक्रियाओं विद्यार्थी-शिक्षक (स्टूडेंट-टीचर इन्टरैक्शन) संवाद के विशेष संदर्भ में।

    • जेण्डर संवेदनशीलता और समानता में शिक्षा की भूमिका –

    • समता, समानता और सामाजिक न्याय के लिए शिक्षाः अवधारणा, आवश्यकता एवं अवरोध

    • शिक्षकों की अस्मिता : सममालीन विमर्श, एक आदर्श शिक्षक की संकल्पना

    ईकाई-8


    • राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूप रेखा -2005 व बिहार पाठ्यचर्या की रूप रेखा

    2008 के विशेष संदर्भ में विज्ञान, पर्यावरण, गणित, भाषा एवं सामाजिक विज्ञान शिक्षण शास्त्र की समझ

    • शिक्षण-अधिगम में ऑडियो-विडियो, मल्टीमीडिया साधनों की महत्ता तथा उपयोग

    >सीखने की योजना एवं विद्यालय के अन्य कार्य के.साथ आई०सी०टी० का एकीकरण
    Paper-2: शिक्षा शास्त्र (Pedagogy)

    1. Pedagogy Part-1 (250 Question)
    2. शिक्षाशास्त्र भाग-2 (वस्तुनिष्ठ 300 Qu)
    3. वस्तुनिष्ठ 1000 प्रश्न:   Click Here
    4. वस्तुनिष्ठ 600 प्रश्न:     Click Here

    BPSC प्रधान शिक्षक D.El.Ed नोट्स:

    1. जॉन बॉल्वी के लगाव का सिद्धांत
    2. रविन्द्र नाथ टैगोर का शिक्षा दर्शन
    3. समावेशी शिक्षा
    4. जे. कृष्णमूर्ति के शैक्षिक दर्शन
    5. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा। U-1
    6. ज्योतिबा फुले
    7. प्रारंभिक बाल्यावस्था
    8. हिन्द स्वराज: मोहनदास करमचंद गांधी
    9. इरिक एरिक्सन का सिद्धांत
    10. डॉ. जाकिर हुसैन का शिक्षा दर्शन
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