शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों का विड्रॉल पावर बढ़ाकर किया 3 गुणा। 5 लाख तक खर्च कर सकते एक वर्ष में।
नियोजित: 21-12-2021 (शिक्षा न्यूज़) प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रबंध समिति के अनुषंशा से एक वर्ष में ₹5 लाख तक खर्च कर सकते हैं। 9वी से 12 वीं तक के नामांकन शुल्क में कुछ बढ़ोतरी किया गया है साथ ही अब इन्हें अब नहीं देना होगा अनुपस्थिति शुल्क।
प्राचार्य/ प्रधानाध्यापक को कुल नामांकित छात्रों के अनुसार वार्षिक खर्च में बढ़ोतरी किया गया है। जो इस प्रकार है। पूर्व में खर्च की गयी राशि की संपुष्टि विद्यालय प्रबंध समिति के अंतिम सत्र के बैठक में उपस्थापित कर लेना जरूरी था। इसमें भी ढील दिया गया है अब सिर्फ प्रबंध समिति से अवलोकन कराना है।
क्र.सं | विद्यालय की क्षमता | पूर्व मे निर्धारित खर्च सीमा | बढ़ा हुआ खर्च सीमा (एक वर्ष में) |
1. | कुल 500 नामांकित छात्र तक | ₹50 हजार एक साल में। | ₹1.5 लाख |
2. | 501 से 750 तक नामांकित छात्र | ₹75 हजार एक साल में। | ₹2 लाख |
3. | 751 छात्र से ऊपर नामांकित छात्र के लिए | ₹1 लाख एक साल में। | ₹2.5 लाख |
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| इस राशि को प्रभारी प्राचार्य/प्रधानाध्यापक भी कर पाएंगे। |
पत्र में कहा गया है कि उक्त राशि प्राचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय भवन के लघु रखर-खाव यथा खिड़की, दरवाजा, फर्श आदि की मरम्मती, पेयजल की सुविधा, विद्यालय के उपकरणों की मरम्मती एवं बागवानी पर नियमानुसार खर्च किया जाएगा। प्राचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा उपर्युक्त मदों में प्रति माह छात्र संख्या के आधार पर विद्यालय के लिए नामांकन के अनुरूप निर्धारित राशि 500 छात्र संख्या वाले विद्यालय में प्रतिमाह 12500 रु० 501 से 750 नामांकित छात्र तक वाले विद्यालय में प्रतिमाह ₹16666 तथा 750 से ऊपर छात्र संख्या वाले विद्यालय में प्रतिमाह ₹20833 खर्च कर सकते हैं। किसी माह में अधिक एवं किसी माह में कम खर्च हो सकता है लेकिन पूरे वित्तीय वर्ष में निर्धारित राशि से अधिक खर्च नहीं किया जाएगा। ₹1 लाख से ₹5 लाख तक राशि की राशि का खर्च विद्यालय प्रबंध समिति के बैठक के अनुषंशा के आलोक में किया जाएगा। ₹5 लाख से अधिक का कार्य विद्यालय प्रबंध समिति की अनुसंशा पर बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम पटना के द्वारा कराया जाएगा। वित्तीय वर्ष में एकमुश्त राशि खर्च नहीं किया जाएगा। खर्च किए गए राशि संबंधित सभी कागजात, रसीद को ऑडिट के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। जिसकी जवाबदेही प्राचार्य एवं प्रधानाध्यापक की होगी राशि का विवरण विद्यालय प्रबंध समिति के बैठक में अवलोकनार्थ उपस्थापित किया जाएगा।